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हमारे सनातन धर्म में आयुर्वेद और योग का घनिष्ट सम्बन्ध है। हिन्दू धर्म के ऋषि मुनियों के योग साधना के साथ साथ आयुर्वेद के बारे में दुनिया को बताया। पहले के जमाने में हमारे ऋषि मुनि सालो तप, योग,ध्यान और आयुर्वेद से सैकड़ों वर्ष स्वास्थ्य जीवन जीते थे। दोनों के महत्व को भली भांति समझते थे इसलिए उन्होंने आयुर्वेद को चिकित्सा पद्धति का अभिन्न अंग बनाया। कह सकते हैं की पूरी दुनिया को भारत से
yoga और
ayurveda दोनों अनमोल उपहार के रूप में मिले हैं।
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शरीर और पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। योग और आयुर्वेद ने लोगो को पर्यावरण के महत्व को समझकर बहुत बार जाग्रत किया है। भारत में रह रहे लोगो के जीवन में सुधार लाने के लिए उनकी अंदरूनी शक्ति और बाहरी वातावरण दोनों को सहेज कर रखना जरुरी है। पहले हमारे दादी नानी अपने आयुर्वेदिक नुस्खो से हर बीमारी का इलाज कर लेती थी। उनके घरेलु नुस्खे दवाइयों का काम करते थे। इन उपायों को लोग आज भी इस्तेमाल कर रहे हैं क्योकि इन घरेलु उपायों ला कोई साइड इफ़ेक्ट नही होता है। घरेलु नुस्खो से व्यक्ति अंदर से स्वास्थ्य रहता है और उसकी इम्युनिटी इतनी स्ट्रोंग हो जाती है कि बीमारियाँ और इन्फेक्शन उनसे दूर भागती हैं।
भारत योग और आयुर्वेद का भंडार है और ये भंडार इतना विशाल है कि आज तक इसका पूर्णत: उपयोग नही हो पाया है। कुछ सालो पहले तक आयुर्वेद को बेकार और पुरानी परंपरा माना जाता था लेकिन अब लोग आयुर्वेदिक प्रथाओ के महत्व को समझने लगे और भारत के अलावा विदेशो में भी योग और आयुर्वेद का बोलबाला होता जा रहा है।
योग का जीवन में महत्व ( Importance of Yoga)
योग के महत्व को लोगो तक पहुचाने के लिए अब अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है जो 21 जून को सेलेब्रेट किया जाता है। योग का पहला और आखिर उद्देश है स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन। योग से व्यक्ति का मानसिक, शारीरिक विकास होने के साथ साथ आध्यात्मिक विकास भी होता है। योग से व्यक्ति का अपने मन और दिमाग में कण्ट्रोल होता है और व्यक्ति पहले के मुकाबले ज्यादा अच्छा काम करने लगता है। योग मन और शरीर के तालमेल को बनाए रखता है। योग से लोग अपने अन्दर इतनी ऊर्जा महसूस करते हैं कि वो एक दिन में बहुत ज्यादा काम करने के बाद भी थकते नही हैं। योग भारत की ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो प्राकर्तिक है और बहुत प्रभावकारी भी। आज योग से कई बीमारियों को काफी हद तक ठीक किया जा रहा है। इससे लोगो को मानसिक तनाव से आराम मिल रहा है। योग से मानसिक रोग कई हद तक कण्ट्रोल में आ जाते हैं और अगर पूर्णत: ठीक होने में परेशानी आ रही हो योग के साथ साथ आयुर्वेद मदद कर सकता है। ऐसा भी होता है कि कुछ रोगों में आयुर्वेद से पूर्ण लाभ न मिलने पर व्यक्ति को योग करना शुरू करते हैं और पूर्णत: ठीक हो जाते हैं।
आज योग सिर्फ भारत में नही बल्कि सम्पूर्ण दुनियां में किया जा रहा है क्योकि लोग योग के शरीर के लिए महत्व को समझ गए हैं। वर्तमान में वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो गया है कि नियमित रूप से योग करना व्यक्ति को कितना स्वस्थ जीवन दे सकता है। आजकल कई डॉक्टर भी योग करने की सलाह देते हैं।
योग इतना प्रभावकारी है कि व्यक्ति के अन्दर बसी गलत आदते भी ठीक होने लगती है क्योकि से उसका मन, तन और आत्मा शुद्ध हो जाती है और सब उसके कण्ट्रोल में आ जाता है। योग से उनका तनाव दूर हो जाता है और वो चिंता की जगह चिन्तन करने लग जाते हैं। लोग आज रोज सुबह सबसे पहले योग करते हैं और फिर कुछ और।
योग के लाभ (benefits of yoga)
- योग से शरीर के किसी भी अंग में अगर स्ट्रेस हो रहा है तो उसे कम कर देते हैं। योग अपने आप न करके विशेषज्ञ की निगरानी में करना चाहिए।
- योग से व्यक्ति को मन और तन की शांति मिलती है। ध्यान से व्यक्ति अपने दिमाग में आ रहे उलजलूल विचारो को रोक सकता है और अपने मन को शांत कर लेता है।
- योग से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आ जाती है और व्यक्ति सही तरीके से शांत मन और दिमाग से काम करने लगता है।
- योग बच्चो से लेकर सभी बड़ो द्वारा किया जा सकता है। योग रोगियों द्वारा भी किया जा सकता है लेकिन कुछ खास योग आसन होते हैं जो सबके लिए सही नही होते हैं।
- यदि yoga को सही तरीके से किया जाए तो योग का कोई साइड इफ़ेक्ट नही है इसलिए जरुरी है जो पहले बार करना शुरू कर रहे हैं उन्हें योग गुरु की निगरानी में ही करना चाहिए।
- सूर्य नमस्कार जैसे योग आसान से सिर्फ एक अंग ही नही बल्कि सम्पूर्ण शरीर का योग एक साथ हो जाता है।
- योग से व्यक्ति का शरीर लचीला हो जाता है और पौशचर भी ठीक हो जाता है।
आयुर्वेद का महत्व
आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है। आयुर्वेद का लक्ष्य है व्यक्ते के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना। आयुर्वेद से सालो से कई असाध्य रोगों का सफलतम इलाज किया जाता रहा है। कह सकते है कुछ बीमारियों के लिए आयुर्वेद रामबाण है। आयुर्वेद में कुछ बीमारियों के इलाज के साथ साथ कई बीमारियों को गंभीर होने से भी रोका जा सकता है। आयुर्वेद की अच्छी बात है कि इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही है। आयुर्वेद से शरीर के दोषों को ठीक किया जा सकता है जैसे वात दोष, पित्त दोष, कफ दोष आदि।
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आयुर्वेद के फायदे
तन और मन स्वस्थ
स्वास्थ जीवन शैली और आयुर्वेदिक आहार और इलाज से व्यक्ति अपने शरीर का मोटापा कर कर सकता है साथ ही अपनी त्वचा और बाल को हेल्दी बना सकता है। आयुर्वेद से खान पान में सुधार आता है और व्यक्ति का वात दोष, पित्त दोष, कफ दोष दूर हो जाता है। इन दोषों के दूर होने से व्यक्ति तन और मन दोनों से स्वस्थ रहता है।
तनाव दूर होता है
ध्यान, योग और आयुर्वेद के संगम,मसाज और हर्बल ट्रीटमेंट से व्यक्ति स्ट्रेस फ्री हो जाता है और तनाव दूर होने से वो अपने काम में एक्सपर्ट भी बन जाते हैं क्योकि जब वो काम करते हैं तब उनका मन और तन दोनों तनाव रहित होते हैं। आयुर्वेद से शरीर में हो रहे छोटे मोटे शुरुवाती संक्रमण को दूर किया जा सकता है।
असाध्य बीमारियों का इलाज
आयुर्वेद में कई असाध्य बीमारियों जैसे अस्थमा,मधुमेह, न्यूरोलॉजिकल रोगों आदि का बेहतरीन इलाज है। आयुर्वेद से की नींद न आने की परेशानी भी दूर हो जाती है। पंचकर्म क्रिया से कई बीमारियाँ दूर की जा सकती है।
योग और आयुर्वेद, हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति पहले भी कारगर थी और आज भी है। Yoga और ayurveda अपनाने पर आपको क्या फायदे हुए हमे कमेंट करके जरुर बताएं।
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