INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

मौनी अमावस्या का विशेष महत्व | तिथि और मुहूर्त | अक्षय पुण्यफल की होगी प्राप्ति

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 444
मौनी अमावस्या का विशेष महत्व | तिथि और मुहूर्त | अक्षय पुण्यफल की होगी प्राप्ति

माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं जिसे हम माघी अमावस्या भी कहते हैं। माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस बार 31 जनवरी सोमवार की दोपहर  2 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 1 फरवरी 2022 मंगलवार की सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी । मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है और इस बार मौनी अमावस्या को मंगलवार का दिन है इसलिए इसे भौमवती अमावस्या माना जाएगा । आज हम मौनी अमावस्या के महत्व से लेकर इसको मनाने का शुभ मुहूर्त व इसको मनाने की विधि की बात करने जा रहे हैं ।अगर आप भी एक अच्छे ज्योतिष बनना चाहते हैं तो आज ही हमारे फ्री- कोर्स से शुरू करे। 

मौनी अमावस्या का महत्व - 

शास्त्रों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है । कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन मौन व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा सम्पन्न कर लेता है उसे कई अश्वमेध यज्ञों के समतुल्य फल प्राप्त होता है । अपने पित्रों के तर्पण के लिए ये दिन शुभ माना जाता है । ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन तर्पण करने से पित्रों को मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है । मौनी अमावस्या की पूजा हमारे जीवन में आर्थिक से लेकर पारिवारिक हर तरह की खुशहाली लेकर आती है । 

पूजन का शुभ मुहूर्त - 

मौनी अमावस्या इस वर्ष 1 फरवरी को होने जा रही है । 1 फरवरी की सुबह सूर्योदय से लेकर 11 बजे तक पूजा करने का शुभ मुहूर्त है । हालांकि आप जितनी जल्दी स्नान करके सूर्य का अर्घ्य देकर अपनी पूजा सम्पन्न कर लेंगे उतना ही शुभ रहेगा । इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है जिससे हमें सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है । 

मौनी अमावस्या पूजन के नियम - 

ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन सुबह मौन व्रत रखकर स्नान करने से विशेष रूप से शुभ फल की प्राप्ति होती है । ऐसा माना जाता है कि इस दिन सभी देवी देवता नदी में वास करने आ जाते हैं इसीलिए गंगा जी में स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है किन्तु अगर आपके घर के पास नदी नहीं है तो आप शुद्ध जल में गंगा जल को मिलाकर घर पर ही स्नान कर सकते हैं । स्नान करने के पश्चात जल में काले तिल डाल कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है । इस दिन मौन व्रत व काले तिल का विशेष महत्व होता है । काले तिल को पूजन सामग्री में उपयोग करने के साथ ही तिल के लड्डू दान भी किए जाते हैं । 

सुबह सुबह भगवान विष्णु की आराधना करें ।इसके अलावा मौन व्रत का संकल्प लें। घर में तस्वीर के सामने पीले पुष्प , चंदन, केसर ,घी का दिया जलाएं । इसके बाद भगवान के नाम के मंत्र का जप करें ।  भगवान को पीली मिठाई का भोग जरूर लगाएं । 

सुहागिन महिलायें पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं व उसकी परिक्रमा करने के साथ पीपल के तने में अक्षय सूत्र बांध देती हैं ।पीपल पर गाय का दूध चीनी व काले तिल मिलाकर अर्पित करें । इसके बाद परिक्रमा आप 7 या 21 बार कर सकते हैं किन्तु आप अधिकतम फल प्राप्ति की कामना कर रहे हैं तो 108 बार परिक्रमा अवश्य करें । परिक्रमा करने के बाद आप अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान से प्रार्थना करें । 

सूर्य के मकर राशि में होने से इस बार मौनी अमावस्या को बहुत शुभ  योग बन रहा है । भंवरी देकर पूजा करने से शुभ फल  मिलेगा। पीपल का पेड़ लगाएं व उसकी देखभाल करें । 

3 चीजों का रखें विशेष ध्यान - 

मौनी अमावस्या के दिन आपको मुख्य तौर पर 3 बातों का ध्यान रखना है - 

  1. स्नान 
  2. ध्यान 
  3. दान 

स्नान ,ध्यान व दान ये 3 ऐसी चीजें हैं जिससे आप पूजन का अधिकतम लाभ ले सकते हैं । सबसे पहले सुबह उठाकर स्नान करके सूर्य देव को जल से अर्घ्य अर्पित करें । ध्यान रहे जल में काले तिल अवश्य डालें । उसके बाद आप मंत्र जाप करते हुए ध्यान कर सकते हैं किन्तु मंत्र जाप भी आपको मौन रह कर ही करना है । अगर बोलने की बहुत आवश्यकता हो तो सबसे पहले भगवान का नाम बोलें । 

इसके बाद तीसरी महत्वपूर्ण चीज है - दान । दान का इस दिन बहुत महत्व है । इस दिन तिल के लड्डू , अनाज ,कंबल आदि वस्तुएं दान की जाती हैं । यदि आप अधिक सामर्थ्यवान हैं तो आप गोदान या भूदान भी कर सकते हैं । इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा नीच का हो तो इस दिन दूध ,चावल , खीर व मिश्री का दान करने से पुण्य फल मिलेगा । 

गरीब और भूखे लोगों को पका हुआ भोजन खिलाने से शुभ फल की प्राप्ति होगी । 

मंदिर में जाकर महादेव की पूजा अवश्य करें । शुव जी की पूजा करने से चंद्र देव प्रसन्न होंगे जो हमारे मन को शांति प्रदान करेंगे। अपने घर के मंदिर में शाम को दीपक जलाएं जिसमें  तेल अधिक डालें ताकि वो रात भर जल सके।  इसमे एक सिक्का जरूर डाले चाहे वो चांदी का हो या साधारण सिक्का हो । इस सिक्के को विशेष रूप से संभाल कर रखें । 

निष्कर्ष - 

मौनी आंवस्य के दिन गंगा जी में स्नान करने से दैहिक , भौतिक व दैविक सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है । इसके साथ ही स्नान , ध्यान व दान करने से आर्थिक , पारिवारिक व सामाजिक खुशहाली मिलती  है । इस दिन मौन व्रत रखने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है । मौनी अमावस्या को मौन रह कर स्नान करने से सभी ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं । 

जाने कैसा होगा आपका भविष्य विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल द्वारा। एस्ट्रोलोक के माध्यम से।

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Dr. Narendra Umrikar

Dr. Narendra Umrikar

Astrology | Vastu Specialist
Riitu Dua

Riitu Dua

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Mala Chatterjee

Mala Chatterjee

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Pt. Adarsh Vashisht

Pt. Adarsh Vashisht

Vedic Astrology Hindi, English Exp: 35+ years
Laxmi Khandelwal

Laxmi Khandelwal

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Madhusudhan Rao

Madhusudhan Rao

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Vijay Sharma

Vijay Sharma

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Preeti Tandon

Preeti Tandon

Astrology Hindi, English, Marathi Exp: 5+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.