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बाल झड़ना आज के समय के सबसे बड़ी समस्या है । ऐसा नहीं है कि इस समस्या का सामना अधिक आयु के वाले लोग ही कर रहे हैं बल्कि आजकल के युवा भी इस समस्या से जूझ रहे हैं । हालांकि इस समस्या के लिए हमारी बदली हुई जीवन शैली व बदला हुआ खानपान मुख्य रूप से जिम्मेदार है ।
आज के लेख में हम जानेंगे कि बाल झड़ने की इस समस्या के बारे में आयुर्वेद क्या कहता है यानि बाल झड़ने के प्रमुख कारण क्या हैं और इसे रोकने के प्रमुख उपाय क्या हैं ?
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बाल झड़ने के प्रमुख कारण -
बालों से संबंधित किसी भी समस्या के लिए हमारे शरीर पाए जाने वाले तीनों दोष जिम्मेदार होते हैं । आयुर्वेद में बताए गए बाल झड़ने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
- रूखापन वात दोष का प्रमुख लक्षण माना जाता है । जिन लोगों के शरीर में वात दोष की मात्रा बढ़ जाती है , उनकी त्वचा पर रूखापन आ जाता है । यह रूखापन बालों की जड़ों में भी होता है जिसके चलते बाल कमजोर होने लगते हैं और धीरे-धीरे झड़ना प्रारंभ हो जाते हैं ।
- जिन लोगों के शरीर में पित्त दोष अधिक मात्रा में होता है उनके बाल पतले व कमजोर होते हैं । बाल झड़ने के पीछे पित्त दोष को भी मुख्य वजह के रूप में देखा जाता है ।
- आयु व ऋतुओं का असर भी बालों पर पड़ता है । आयु के साथ हमारे शरीर के दोषों का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे बाल झड़ने लगते हैं । ठीक ऐसा ही ऋतुओं के विषय में भी माना जाता है । ऋतु बदलने के साथ ही शरीर के दोष व शरीर में पाई जानी वाली धातुओं में साम्यता नहीं रहती है जिससे बालों पर बुरा असर पड़ता है ।
- बहुत लंबे समय तक बीमार रहने व शरीर में खून की कमी होने से भी बाल झड़ना प्रारंभ हो जाते हैं ।
- खाने में बहुत अधिक तले-भुने भोजन का सेवन करने व पाचन क्रिया ठीक से ना होने पर भी बालों में कमजोरी आ जाती है ।
- शरीर में बनने वाली सात धातुओं में अस्थि धातु को बालों के लिए जिम्मेदार माना जाता है । अगर शरीर में अस्थि धातु पर्याप्त मात्रा में नहीं है तो बालों से जुड़ी हुई समस्याएं दिखने लगती हैं ।
- मानसिक तनाव को भी बाल झड़ने का प्रमुख कारण माना जाता है । इसके अलावा देर रात तक जागना भी इस समस्या की प्रमुख वजह है ।
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बालों को झड़ने से रोकने के प्रमुख उपाय-
- आयुर्वेद में बालों को स्वस्थ रखने के कई उपाय बताए गए हैं । कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं - गाय के घी का नियमित सेवन बालों को मजबूती प्रदान करता है ।
- आवलें का सेवन शरीर में पित्त दोष को कम करता है । पीट दोष भी बालों के झड़ने की एक वजह मानी जाती है। आवलें का सेवन करने से शरीर का पित्त दोष संतुलित रहता है ।
- बालों को धुलने के लिए प्राकृतिक पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए जिसमें शिकाकाई, रीठा , संतरे की छाल व त्रिफला चूर्ण प्रमुख रूप से शामिल हैं । इन सबके चूर्ण को समान मात्रा में पानी में घोल कर भी बालों को धुला जा सकता है ।
- बालों को धुलने से पहले बालों की जड़ों में दूध, घी, छाछ, नारियल पानी या एलोवेरा को लगाने से बालों को मजबूती मिलती है ।
बालों में हमेशा तेल लगाएं व तेल से बालों की जड़ों की अच्छी तरह से मालिश करें । तेल लगाने से बालों में रूखापन नहीं रहता है । रूखापन बालों के झड़ने का प्रमुख कारण है ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से हमने बालों को झड़ने से रोकने के लिए आयुर्वेद में बताए गए प्रमुख उपायों को विस्तार से जाना । आप भी इन उपायों कोअपनाकर अपने बालों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं
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