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रत्नों के क्रम में आज हम मोती रत्न के बारे में बात करने जा रहे हैं। बहुत से लोग उंगली में मोती रत्न पहनते हैं, कुछ लोग इसके महत्व को समझ कर पहनते हैं और कुछ देखा देखी में ही पहन लेते हैं। देखा देखी में यह रत्न पहनने वालों को इसका नुकसान भी देखने को मिलता है। इसलिए आज के लेख में हम यह समझेंगे कि मोती रत्न किन जातकों को धारण करना चाहिए? साथ ही मोती रत्न को किस धातु के साथ, हाथ की कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? इसके अलावा मोती रत्न से होने से वाले फ़ायदों को विस्तार से समझेंगे।
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मोती रत्न का स्वामी-
मोती रत्न का स्वामी चंद्रमा को माना गया है। चंद्रमा हमारे मन के कारक ग्रह हैं।
मोती रत्न किन जातकों को धारण करना चाहिए?
जिन जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा योग कारक हैं, ऐसे जातक कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने पर मोती रत्न धारण कर सकते हैं। मोती रत्न चंद्रमा का रत्न माना जात है जिसे धारण करने से जन्म कुंडली में चंद्रमा को बल प्राप्त होगा। चंद्रमा के बलवान होने से जातक को चंद्रमा से जुड़े क्षेत्रों में शुभ फल प्राप्त होता है।
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मोती रत्न पहनने से होने वाले लाभ-
मोती रत्न पहनने से जातक को निम्नलिखित लाभ होते हैं-
- चंद्रमा हमारे मन के कारक ग्रह माने जाते हैं। मोती रत्न पहनने से जातक का मन शांत व स्थिर रहता है। जिस जातक का मन स्थिर व एकाग्र हो वो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है।
- मोती रत्न पहनने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। जो जातक किसी भी तरह के मानसिक तनाव या अवसाद का सामना कर रहे हैं, उन्हें यह रत्न अवश्य पहनना चाहिए। हमारा मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक महत्वपूर्ण है।
- मोती रत्न पहनने से जातक की बुद्धि तीव्र हो जाती है। मानसिक तनाव कम करके यह रत्न हमारे मस्तिष्क को सही दिशा में सक्रिय कर देता है, जिसका फायदा जातक को अपने कार्य क्षेत्र में देखने को मिलता है।
- मोती रत्न मन को स्थिर करने के साथ ही हमारे भावों को भी नियंत्रित करने का कार्य करता है। ऐसे जातक जिन्हें बहुत गुस्सा आता है, मोती रत्न उनके गुसा को कम करने में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
- हमारी कल्पना शक्ति भी हमारे मन पर निर्भर होती है। जो जातक लेखन जैसे क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उनकी कल्पना शक्ति बहुत कमाल की होनी चाहिए। ऐसे में मोती रत्न पहनने से जातक को कल्पना शक्ति बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
- मन से जुड़ा एक कारक होता है-डर। जिन जातकों को किसी कार्य विशेष से बहुत डर लगता है, ऐसे जातकों को अपने डर पर काबू पाने के लिए मोती रत्न धारण करना चाहिए। मोती रत्न जातक के मन से डर को निकाल कर उसका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।
मोती रत्न पहनने के लिए शुभ धातु-
ज्योतिष में मोती रत्न को पहनने के लिए चाँदी धातु को सबसे अधिक शुभ माना जाता है। चांदी के साथ पहना गया मोती रत्न जातक को अपना पूर्ण फल प्रदान करता है।
मोती रत्न किस उंगली में पहनें?
मोती रत्न को धारण करने के लिए हाथ की सबसे छोटी उंगली यानि कनिष्ठा को सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है। पुरुष अपने दायें हाथ की सबसे छोटी उंगली में इसे धारण कर सकते हैं तो वही महिलायें मोती रत्न को अपने बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण कर सकती हैं।
मोती रत्न धारण करने का शुभ समय-
शुक्ल पक्ष के सोमवार को मोती रत्न धारण करने के लिए शुभ समय माना जाता है।
निष्कर्ष-
इस प्रकार से हमने मोती रत्न से जुड़े सभी पहलुओं का विस्तार से विश्लेषण किया।
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