भारत की भूमि देवी-भक्ति और आध्यात्मिक साधना से ओतप्रोत है। हर राज्य में देवी शक्ति के ऐसे पावन धाम हैं, जो श्रद्धालुओं के जीवन को नई दिशा देते हैं। गुजरात का जूनागढ़ शक्तिपीठ इन्हीं में से एक है। गिरनार पर्वत की ऊँचाइयों पर स्थित यह स्थान माँ अंबा का पावन धाम माना जाता है, जहाँ माँ सती का एक अंग गिरा था। यह स्थान केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ज्योतिष और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए भी विशेष महत्व रखता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित होकर आत्मदाह कर लिया, तो भगवान शिव व्याकुल होकर उनके शरीर को लेकर आकाश मार्ग में विचरण करने लगे। तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के अंगों को विभाजित कर दिया। उन्हीं स्थलों पर शक्तिपीठ बने।
कहा जाता है कि जूनागढ़ के गिरनार पर्वत पर माता का अंग गिरा और तभी से यहाँ माँ अंबा की पूजा शुरू हुई। गिरनार पर्वत स्वयं प्राचीन काल से तपस्वियों और ऋषियों का आश्रय स्थल रहा है। यहाँ साधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं।
नवरात्रि के दौरान यह स्थल भक्ति और शक्ति साधना का केंद्र बन जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ आकर गरबा, भजन और अखंड ज्योति के दर्शन करते हैं।
भाद्रपद और चैत्र मास की नवरात्रि यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण मानी जाती है।
पर्वत पर चढ़ाई करते समय भक्त "जय अम्बे" के जयकारे लगाते हैं और वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिक हो जाता है।
जूनागढ़ शक्तिपीठ केवल भक्ति स्थल नहीं है, बल्कि यह ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
जिनकी जन्म कुंडली इन हिंदी में मंगल दोष हो, उनके लिए माँ अंबा की पूजा विशेष फलदायी होती है।
भक्त यहाँ राहु काल और उसकी अशुभता को दूर करने हेतु प्रार्थना करते हैं।
यदि किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष है, तो गिरनार पर्वत पर की गई साधना उसके प्रभाव को कम करती है।
साल 2025 में लोग अपने 2025 का राशिफल जानकर यात्रा की शुभ तिथियों और चौघड़िया का ध्यान रखते हुए यहाँ आते हैं।
यहाँ आकर कई भक्त "राशिफल आज का" पढ़ते हैं और उसी अनुसार माँ से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
वास्तु शास्त्र हिंदी में यह भी बताया गया है कि माँ अंबा के आशीर्वाद से घर-परिवार में शांति और उन्नति आती है।
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रेल मार्ग: जूनागढ़ रेलवे स्टेशन यहाँ का नजदीकी स्टेशन है।
वायु मार्ग: राजकोट और अहमदाबाद हवाई अड्डा यहाँ के लिए सुविधाजनक हैं।
आज जब लोग जीवन की समस्याओं, करियर की चुनौतियों और पारिवारिक तनाव से परेशान रहते हैं, तब माँ अंबा का आशीर्वाद आत्मबल और मानसिक शांति प्रदान करता है।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती या महादशा से गुजर रहे जातकों के लिए यहाँ की साधना विशेष लाभकारी होती है।
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