भारत की धरती सदियों से देवी-भक्ति और आध्यात्मिक साधना का केंद्र रही है। गुजरात के अरावली पर्वत पर स्थित अंबाजी शक्तिपीठ उन चुनिंदा पवित्र स्थलों में से एक है, जहां माँ सती का हृदय गिरा था। यह मंदिर न केवल शक्ति उपासना का प्रमुख स्थान है, बल्कि यहाँ स्थापित श्रीयंत्र इसे अद्वितीय बनाता है। भक्त मानते हैं कि यहाँ माँ अम्बा की पूजा से मंगल दोष, राहु काल और कालसर्प दोष जैसे ग्रह दोष भी शांत होते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के शव को लेकर तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के अंग अलग किए। इसी क्रम में माँ सती का हृदय अंबाजी में गिरा और यह स्थल शक्तिपीठ कहलाया।
गुजरात का अंबाजी मंदिर श्वेत संगमरमर से बना हुआ है और इसका शिखर लगभग 103 फीट ऊँचा है। मंदिर में कोई प्रतिमा नहीं है, बल्कि यहाँ एक पवित्र श्रीयंत्र स्थापित है, जिसे जगतजननी माँ की दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
प्रतिदिन सुबह-शाम आरती और देवी की विशेष पूजा होती है।
श्रावण मास और भाद्रपद मास में लाखों श्रद्धालु यहाँ पदयात्रा कर दर्शन के लिए आते हैं।
भाद्रपद पूर्णिमा पर यहाँ विशेष मेला आयोजित होता है।
नवरात्रि के दौरान यहाँ का वातावरण अद्भुत होता है, जब पूरी रात भक्त माँ के भजनों और गरबा से मंदिर प्रांगण को जीवंत कर देते हैं।
अंबाजी शक्तिपीठ का संबंध केवल भक्ति से ही नहीं, बल्कि ज्योतिष और जीवन की समस्याओं से भी है।
कुंडली इन हिंदी देखने पर यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल दोष पाया जाता है, तो यहाँ दर्शन और पूजा से उसका प्रभाव कम माना जाता है।
कई लोग यहाँ राहु काल और उसके प्रभाव को शांत करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
यदि जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष के लक्षण दिखाई दें, तो माता अम्बा की साधना विशेष फलदायी मानी जाती है।
भक्त यहाँ अपने जीवन से जुड़े प्रश्न जैसे मेरी राशि क्या है, भविष्यफल और वैवाहिक समस्याओं का समाधान भी खोजते हैं।
वास्तु शास्त्र हिंदी में भी यह बताया गया है कि घर या व्यवसाय स्थल पर अंबा माता का आशीर्वाद शांति और समृद्धि लाता है।
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सड़क मार्ग: अहमदाबाद से लगभग 185 किमी दूर स्थित अंबाजी तक नियमित बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड (राजस्थान) है, जहाँ से लगभग 20 किमी दूरी पर अंबाजी पहुँच सकते हैं।
वायु मार्ग: अहमदाबाद एयरपोर्ट सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
गब्बर पर्वत: यहाँ 999 सीढ़ियाँ चढ़कर भक्त माँ की मूर्ति के दर्शन करते हैं।
कुम्भारीया जैन मंदिर: अंबाजी से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित प्राचीन जैन मंदिर।
अरावली पर्वत: प्रकृति प्रेमियों के लिए अद्भुत स्थल।
मंदिर परिसर में स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है, इसलिए साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
अगर आप परिवार के साथ जा रहे हैं तो सुबह-सुबह दर्शन करना सबसे अच्छा रहेगा।
आज के समय में जब लोग तनाव, पारिवारिक समस्याओं और करियर की चुनौतियों से जूझ रहे हैं, तब अंबाजी शक्तिपीठ आस्था और समाधान का केंद्र बनता है। यहाँ की साधना से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
ज्योतिष मान्यता के अनुसार, जिन लोगों की जन्म कुंडली में कठिन महादशा चल रही हो, उनके लिए अंबाजी की शरण लेना अत्यंत लाभकारी होता है।
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