INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

आयुर्वेद में विरुद्ध आहार किसे कहा गया है?

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 821
आयुर्वेद में विरुद्ध आहार किसे कहा गया है?
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि विपरीत यानि उल्टे आहार को विरुद्ध आहार कहा जाता है। अब सवाल ये है कि आहार किससे विपरीत है? या किससे उल्टा है? उत्तर है कि एक आहार दूसरे आहार से विपरीत हो, तो आयुर्वेद में इसे विरुद्ध आहार कहा जाता है। बहुत से लोग एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन करते हैं और अपने भोजन में पौष्टिक आहारों का ही सेवन करते हैं।लेकिन कई बार उन्हें नहीं पता होता है कि जिन दो पौष्टिक आहारों का सेवन वो एक साथ कर रहे हैं, आयुर्वेद में उन आहारों को विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी किसी ना किसी समस्या का सामना करना पड़ता है।

आज के लेख में हम जानेंगे कि आयुर्वेद में किन आहारों को विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा गया है? साथ ही यह भी जानेंगे कि विरुद्ध आहार का सेवन करने से हमारे शरीर को किस तरह का नुकसान होता है?

आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें और अपने लिए स्वस्थ आहार और अपनी समस्याओं के उपचार के बारे में जानें। अभी संपर्क करें।



विरुद्ध आहार के प्रकार -


आयुर्वेद में विरुद्ध आहार के कुल 18 प्रकार बताए गए हैं , जिसमें से प्रमुख विरुद्ध आहार निम्नलिखित हैं -

  1.  देशविरुद्ध आहार- अपने क्षेत्र में पैदा होने वाले अन्न से अलग अन्न के सेवन को देश विरुद्ध आहार माना गया है। जैसे भारत में ही बहुत लोग विदेशों के खान-पान को बहुत चाव से खाने लगे हैं लेकिन कम ही लोग इस बात को समझते हैं कि विदेश के वातावरण के अनुसार वह आहार विदेशी लोगों के लिए तो उपयुक्त होता है लेकिन भारत में उसके सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर देखने को मिलता है। 

  2.  कालविरुद्ध आहार-  काल का अर्थ है समय यानि समय के विपरीत खाया जाने वाला आहार कालविरुद्ध आहार कहलाता है। अगर आप सर्दी के मौसम में ठंडी चीजों जैसे कोल्ड ड्रिंक, आइस क्रीम आदि का सेवन करते हैं तो इसे कालविरुद्ध आहार माना जाता है। इससे हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।  

  3. अग्निविरुद्ध आहार- शरीर के दोषों के अनुसार हर व्यक्ति के शरीर में अग्नि की मात्रा अलग अलग होती है। पित्त प्रवृत्ति के लोगों में अग्नि तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है। अगर ऐसे लोग भोजन कम मात्रा में करते हैं या फिर अधिक उपवास करते हैं तो इसे अग्नि विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा जाएगा। ठीक इसी प्रकार कफ प्रवृत्ति वाले लोग अगर अधिक मात्रा में भोजन ग्रहण करते हैं तो उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।  

  4. मात्राविरुद्ध आहार- कुछ चीजों को साथ में खाने के लिए उनकी मात्रा का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। जैसे शहद और घी को समान मात्रा में लेना नुकसानदेह माना जाता है किन्तु दोनों की मात्रा कम ज्यादा करके आप एक साथ भी सेवन कर सकते हैं।  

  5. दोषविरुद्ध आहार- शरीर में पाए जाने तीनों दोषों को ध्यान में ना रख कर लिया जाने वाला आहार दोषविरुद्ध आहार कहलाता है। 

  6.  वीर्यविरुद्ध आहार-आयुर्वेद में आहार के दो स्वभाव बताए गए हैं। पहला उष्ण स्वभाव व दूसरा शीत स्वभाव। अगर दोनों स्वभाव वाले आहारों का सेवन एक साथ कर लिया जाए तो इसे वीर्यविरुद्ध आहार कहा जाएगा। 


यह भी पढ़ें:- शरीर में खून की कमी क्यों होती है? जानें शरीर में खून बढ़ाने के सरल उपाय



विरुद्ध आहार के सेवन से होने वाले विकार-



  1. इससे आँखों की रोशनी कम हो सकती है या फिर रोशनी पूरी तरह से जा सकती है। 

  2.  इससे त्वचा संबंधित विकार जैसे कुष्ठ रोग आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। 

  3.  इससे पाचन से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं । 


 विरुद्ध आहार के सेवन से शरीर में खून की कमी भी हो सकती है।
निष्कर्ष-

इस प्रकार से हमने विरुद्ध आहार के प्रकारों व उससे होने वाले विकारों का विस्तार से विश्लेषण किया। इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए आयुर्वेद में बताई गई पंचकर्म चिकित्सा का सहारा लिया जाता है।

क्या आप निशुल्क ज्योतिष सीखना चाहते हैं? ज्योतिष संस्थान अंक ज्योतिष, वास्तु, हस्तरेखा, चिकित्सा ज्योतिष जैसे सभी पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है। विशेषज्ञ ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष को स्टेप बाय स्टेप जानें। वह 20 साल से अधिक के अनुभव के साथ सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान में प्रमुख ज्योतिषी हैं। आज ही ज्योतिष कक्षाओं में ऑनलाइन शामिल हों।

यह भी पढ़ें:- आयुर्वेद में बताए गए नींबू के गुण

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Kunal

Kunal

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Dr.MilanSolanki

Dr.MilanSolanki

Astrology&Ayurveda 4+ Year Exp. Hindi, English
Deeksha Diwakar

Deeksha Diwakar

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Rajat Wadhwa

Rajat Wadhwa

Astrology Hindi, English Exp: 6 Years
Dr.Vinay S.Joshi

Dr.Vinay S.Joshi

Hindi, English
Renu joshi

Renu joshi

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Mr.Alok Khandelwal

Mr.Alok Khandelwal

Founder & World Renowned Astrologer
Ekansh Sharma

Ekansh Sharma

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.