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आज के समय में मोटापे से हर दूसरा व्यक्ति परेशान है । इसका प्रमुख कारण है - हमारा खानपान व हमारी दिनचर्या । शरीर में मोटापा अन्य कई बीमारियों को बढ़ावा देता है इसलिए बहुत से लोग अपने शरीर के मोटापे को कम करना चाहते हैं । बहुत सारे लोग अपनी इस कोशिश में सफल होते हैं और कई लोग सफल नहीं हो पाते हैं । शरीर के जिस भाग में मोटापा सबसे पहले दिखाई देता है वो है हमारा पेट ।
आज के लेख में हम जानेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार पेट की चर्बी बढ़ने के क्या कारण हैं ? इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि पेट की बढ़ी हुई चर्बी को आयुर्वेद की मदद से कैसे कम किया जा सकता है ?
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पेट की चर्बी बढ़ने के प्रमुख कारण-
पेट की चर्बी बढ़ने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं -
- अगर आपका खानपान बहुत अच्छा व समय पर हो रहा है किन्तु आप शारीरिक क्रियाओं में बिल्कुल संलग्न नहीं है तो यह चर्बी बढ़ने का कारण हो सकता है ।
- बिना भूख के भोजन करने व भोजन को पचने के लिए पर्याप्त समय ना देने पर भी पेट की चर्बी बढ़ सकती है ।
- कुछ लोगों में मोटापा बढ़ने का कारण अनुवांशिक होता है यानि उनके पूर्वजों से उन्हे ये समस्या विरासत में मिल जाती है ।
- अत्यधिक मात्रा में जंक फूड्स खाने से भी शरीर में चर्बी बढ़ जाती है ।
- किसी अन्य गंभीर रोग की दवाइयों के दुष्प्रभावों से भी शरीर में मोटापा बढ़ सकता है ।
- मनोविकार से व्यक्ति की पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है जिसके चलते कई बार मोटापा बढ़ जाता है ।
सात धातुओं का मोटापे से संबंध -
आयुर्वेद में कुल सात धातु बताई गई हैं जो इस प्रकार हैं -
- रस
- रक्त
- मांस
- मेद
- अस्थी
- मज्जा
- शुक्र
इन सभी धातुओं का निर्माण एक दूसरे पर निर्भर है और यह विकास क्रम से होता है । जैसे- रस से रक्त बनता है ,फिर रक्त से मांस बनता है ,इसी प्रकार आगे का क्रम चलता है । लेकिन कई बार ऐसा होता है कि मांस से बनने वाला मेद, शरीर में अत्यधिक मात्रा में एकत्रित हो जाता है । मेद के बढ़ने से शरीर में मोटापा झलकने लगता है और मेद के अधिक बढ़ने से इसके आगे की धातुओं का विकास रुक जाता है ,जिससे शरीर में कमजोरी आ जाती है ।
पेट की चर्बी कम करने के सरल उपाय -
आयुर्वेद में बताए गए मोटापा कम करने के कुछ सरल उपाय निम्नलिखित हैं -
- मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले हमने अपने सोने व जागने के समय में सुधार करना चाहिए । रात्रि को समय से सोना व सुबह समय से जागना , मोटापा कम करने में मदद करता है । समय से सोने व जागने से शरीर में वात, पित्त व कफ दोष का संतुलन बना रहता है ।
- दूसरा उपाय है कि अपने खानपान का सही समय व खाने की सही मात्रा का ध्यान रखें । खान जल्दी-जल्दी ना खाएं व खाने को हमेशा खूब चबाकर ही खाएं जिससे पाचन क्रिया में आसानी हो ।
- सूर्यास्त के बाद हमारे शरीर में अग्नि तत्व कम हो जाता है जिससे पाचन क्रिया में कठिनाई आती है । इसलिए रात्रि का भोजन जल्दी ग्रहण करें ।
- मोटापा कम करने के लिए खाने में मीठे व खट्टे पदार्थों का सेवन कम से कम करें । इसकी जगह तीखा व कड़वा अधिक से अधिक खाएं ।
- गुनगुना पानी पीने से भी शरीर का मोटापा कम होता है ।
- चर्बी कम करने में सूर्य नमस्कार , धनुरासन ,भुजंगासन आदि आसन भी हमारी मदद करते हैं ।
निष्कर्ष -
खानपान व दिनचर्या का ध्यान रखने के साथ ही नियमित योग व प्राणायाम करने से हम अपने बढ़े हुए पेट को आसानी से कम कर सकते हैं ।
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