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मांगलिक योग
मांगलिक योग तब माना जाता है, जब मंगल लग्न कुंडली में पहले, दूसरे, चौथे, सातवे, आठवें और बारहवें भाव में बैठा हो | इन भावों में ही क्यों मंगल के बैठने से मांगलिक दोष या योग माना जाता है क्योंकि इन भावों से विवाह के सप्तम भाव और वैवाहिक सुख और ससुराल के अष्टम भाव के परिणामों को या तो इन भावों पर बैठकर या दृष्टि से मंगल इन सब चीजों को प्रभावित करता है |
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मंगल योग या दोष आजकल सबसे ज्यादा प्रचलित है | लोग इसकी पूजा भी कराते है | ज्योतिष के अन्य सिद्धांत से इस योग को भंग करने की बात कहते है लेकिन सच्चाई यह है कि मांगलिक योग का प्रभाव जीवन भर रहता ही है आप कितने भी पापड़ बेल लो | मेरे अनुभव से सबसे अच्छा यह रहेगा कि आप मांगलिक से ही शादी करे,इससे जीवन मधुर तरीके से यापन होगा | फिर भी मंगल के आक्रमक स्वाभाव से जातक लड़ेगे जरूर लेकिन जुड़ा नहीं होंगे | ऑनलाइन ज्योतिष सीखना चाहते हैं? आप सही जगह पर आए है।
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मंगल दोष का पता लगाने और मंगल या मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय पाने के लिए आप एजस्ट्रोलार ममता अरोरा से भी सलाह ले सकते हैं। वह 2017 से एक विशेषज्ञ ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ हैं।
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