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अंकों के माध्यम से हमारा पूरा जीवन संचालित होता है । हम समय देख कर काम करते हैं , समय भी अंक है । हम कहीं बाहर जाते हैं तो दूरी अंक है । हम बाजार से कुछ खरीदते हैं तो वस्तु का भार या संख्या अंक है। खरीदने के लिए पैसे देते हैं , वह भी अंक है । आज हम जन्म कुंडली के भाव अंक व राशि अंक के माध्यम से अपने जीवन से जुड़े एक महत्वपूर्ण पहलू के विषय में जानेंगे । वह महत्वपूर्ण पहलू है- हमारा जीवनसाथी । ज्योतिष के आधार पर जीवन साथी के व्यक्तित्व व चाल चरित्र के बारे में सब कुछ कैसे जाना जाए , आज हम इसी विषय पर बात करने जा रहे हैं । अंक ज्योतिष के अनुसार जानिए आपका वैवाहिक जीवन और आपका जीवन साथी कैसा रहेगा। हमारे सर्वश्रेष्ठ अंकशास्त्री से ऑनलाइन संपर्क करें और जीवन साथी के व्यक्तित्व के बारे में सब कुछ जानें।ज्योतिष पाठ्यक्रम ऑनलाइन सीखें, हमारा ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम आपको ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, अंक ज्योतिष, हस्तरेखा पढ़ने और चिकित्सा ज्योतिष पर सर्वोत्तम ज्ञान देने के लिए बनाया गया है। विश्व विख्यात ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल द्वारा ज्योतिष संस्थान (एस्ट्रोलोक) से निःशुल्क ज्योतिष सीखें।जन्मकुंडली में जीवनसाथी का भाव -
जन्म कुंडली के सप्तम भाव को जीवन साथी का भाव माना जाता है । सप्तम भाव से जातक के लिए उपयुक्त जीवन साथी का विचार किया जाता है । इसी भाव से यह देखा जाता है कि हमारा होने वाला जीवन साथी कैसा होगा ?प्रथम भाव में मेष राशि -
जन्म कुंडली के प्रथम भाव जिसे लग्न भाव भी कहा जाता है , में अगर मेष राशि राशि है तो जन्म कुंडली के 7 वें भाव यानि जीवन साथी के भाव में तुला राशि होगी । तुला राशि के स्वामी शुक्र देव हैं । मेष राशि के जातक के लिए तुला राशि का जीवन साथी बेहद शुभ माना जाता है । स्वामी शुक्र होने से ऐसा जीवन साथी बेहद सुंदर व रोमानी होता है । प्रथम भाव में वृषभ राशि -
जन्म कुंडली के पहले भाव में दूसरे क्रम की राशि वृषभ होने पर 7 वें भाव में वृश्चिक राशि होगी । ऐसा जीवन साथी जातक के सम्पूर्ण परिवार को एक साथ लेकर चलने वाला होगा ।
प्रथम भाव में मिथुन राशि -
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में तीसरे क्रम की राशि मिथुन होने पर 7 वें भाव में धनु राशि होगी । ऐसा जीवन साथी अध्यात्म में रुचि रखने वाला होगा ।
प्रथम भाव में कर्क राशि -
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में चतुर्थ क्रम की राशि कर्क होने पर 7 वें भाव में मकर राशि होगी । मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं । ऐसा जीवन साथी वैवाहिक जीवन को नीरस बना सकता है व कलह की स्थिति बन सकती है ।यह भी पढ़ें:- भाग्यांक कैसे निकालें? जानिए,सबसे चमत्कारी भाग्यांक कौन सा है ?
प्रथम भाव में सिंह राशि-
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में पांचवें क्रम की राशि सिंह राशि होने पर 7 वें भाव में कुम्भ राशि होगी । ऐसे जीवन साथी से प्रारम्भिक समय का आकर्षण धीरे धीरे कम होता चला जाएगा ।
प्रथम भाव में कन्या राशि -
जन्म कुंडली के प्रथम भाव में कन्या राशि होने पर 7 वें भाव में मीन राशि होगी। मीन राशि वाला जीवन साथी बौद्धिक संपदा का धनी , सुंदर व सुशील होता है ।
प्रथम भाव में तुला राशि -
लग्न भाव में तुला राशि होने पर जातक का जीवन साथी मेष राशि का होता है । ऐसा जीवन बहुत ही महत्वाकांक्षी व आत्मविश्वास से भरा हुआ होता है ।
प्रथम भाव में वृश्चिक राशि -
लग्न भाव में वृश्चिक राशि होने पर जातक का जीवन साथी वृषभ राशि का होता है । ऐसा जीवन साथी खाने पीने में बहुत अधिक रुचि रखने वाला व सुंदर आँखों वाला होगा ।
प्रथम भाव में धनु राशि -
धनु राशि के जातक का जीवन साथी संवाद कला में बहुत निपुण व हर किसी के साथ घुलने मिलने वाली प्रवृत्ति का होगा ।
प्रथम भाव में मकर राशि -
7 वें भाव में कर्क राशि होने से जातक का जीवन साथी चंचल प्रवृत्ति का होता है।
प्रथम भाव में कुम्भ राशि -
कुम्भ राशि के जातक का जीवन साथी झगड़ालू स्वभाव का होगा । ऐसा जीवन साथी सभी महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लेना पसंद करता है ।
प्रथम भाव में मीन राशि-
मीन राशि का जीवन साथी धन संचय करने में बहुत समझदार होता है । ऐसा जीवन साथी नए लोगों से बात करना पसंद नहीं करता है ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से हमने जन्मकुंडली के सभी लग्नों के आधार पर जातक के जीवन साथी के व्यक्तित्व व चरित्र का विश्लेषण किया । यह भी पढ़ें:- मार्च में जन्मे जातकों के विषय में क्या कहता है अंक ज्योतिष ?