INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

गणेश चतुर्थी का व्रत कैसे करें और क्या खाएं ?

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 916
गणेश चतुर्थी का व्रत कैसे करें और क्या खाएं ?
भगवान् गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है और फिर दूसरे देवताओं की। ये आशीर्वाद उन्हें अपने पिता शिवजी से प्राप्त हुआ था। शिवजी ने आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जो व्यक्ति कोई भी शुभ कार्य और पूजन में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करेगा उसकी ही पूजा सफल होगी। तभी उसे आज तक सभी हिन्दू कोई भी पूजा होने पर सबसे पहले गणेश जी का आह्वान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी को चतुर्थी बहुत पसंद है। गणेश जी ने माता चतुर्थी को वरदान देते हुए कहा था कि जो भी चतुर्थी के दिन मेरा व्रत करेगा उनकी सभी मनोकमाएं पूरी होंगी। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन दो तरीको से व्रत रखे जाते हैं, एक है निराहार और एक है फलाहार। 

क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।

व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाए और स्वच्छ कपडे पहने। हो सके तो इस दिन पीले रंग या लाल रंग के वस्त पहने क्योकि उन्हें ये रंग बहुत पसंद हैं। जब गणेश की पूजा करे तब साफ़ कपडे पहनकर आसान पर बैठे और गणेश जी का पूजन करे। उन्हें लड्डू का भोग लगाए। उन्हें आप गुड या तिल के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं।

इस दिन शाम को गणेश चतुर्थी कथा श्रधा और भक्ति से पढ़े या सुने और फिर गणेश आरती करे। आरती के बाद ॐ गनपतये नम: या ॐ गणेशाय नम: काप 108 बारे करे। इस दिन यदि गरीबो को दान दिया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है। पूजन करते समय इस बात का बहुत ध्यान रखा जाना चाहिए कि गणपति जी को कभी भी तुलसी नही चढाई जाती है।

गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा


एक समय नदी किनारे शिवजी और माँ पार्वती चौपड़ कह रहे थे तब उन्होंने वो ये सोचने लगे कि कौन जीता और कौन हारे ये फैसला कौन करेगा। तब शिवजी ने तिनको से एक पुतला बनाया और उसमें प्राण डाले। तब उन्होंने अपने पुत्र से कहा कि तुम बताना कि हममे से कौन जीता।

उन्होंने खेल तीर बार खेला और तीनो बार पार्वती माँ जीती लेकिन जब बालक से शिवजी ने पूछा तो उसने बोला कि शिवजी जीते। इस बात से माता नाराज हो गई और उसे श्राप दिया कि वो लंगड़ा हो जाए और कीचड़ में फंसा रहे। बालक के माफ़ी मांगी तो माँ ने कहा कि यहाँ पर कुछ नाग कन्याएं गणेश पूजन के लिए आएगी। तुम उनसे पूजन विधि जानकर व्रत करोगे तो तुम मुझे प्राप्त करोगे। बालक को ये सब बताकर दोनों कैलाश चले गए। एक साल बाद वहां कुछ नाग कन्याएं आई। बालकक ने उसने विधि जानी और लगातार 21 दिन व्रत किया। इससे गणेश जी प्रसन्न हुए और बालक को आशीर्वाद दिया। बालक ने उनसे माँगा कि गणेश जी मुझे इतनी ताकत दो कि मैं अपने माता पिता के पास चलकर जाऊ ताकि वो मुझे देख खुश हो जाए। गणेश जी ने उसे ये वरदान दे दिया। जब बालक कैलाश पहुचा तब उन्होंने सब शिवजी को बताया। शिवजी ने एक बार माँ पार्वती के विमुख होने पर इसी तरह व्रत रखकर उन्हें मनाया। इस व्रत के बारे में जब माता पार्वती को पता चला तो कार्तिकेय से मिलने के लिए उन्होंने भी व्रत किया। उस दिन से आजके दिन तक गणेश जी का व्रत किया जाता रहा है।

यह भी पढ़ें:- कुंडली में अमावस्या दोष उपाय

गणेश चतुर्थी व्रतं में क्या खाना चाहिए



  • इस दिन मीठा खाना चाहिए जैसे साबूदाने की खीर। 

  • इस दिन भोजन न करके एक समय फलहार करना चाहिए। 

  • इस दिन दही सा सेवन किया जा सकता है और साथ ही रस वाले फल खाने चाहिए। इससे व्यक्ति की बॉडी में पानी का स्तर सही बना रहेगा।

  • इस दिन व्य्र्कती खोलते समय उबले हुए आलू में व्रत वाला सेंधा नमक और काली मिर्च डालकर खाए।

  • इस दिन कुट्टू का पराठा या रोटी भी बनाई जा सकती है। इसे सीमित मात्रा में खाए, क्योकि ज्यादा भूख के चक्कर में यदि ज्यादा खा लेंगे तो पेट ख़राब हो सकता है।

  • इस दिन चाय का सेवन भी किया जा सकता है।

  • व्रत के दिन व्यक्ति खीरा खा सकते हैं।

  • आपको कमजोरी लग रही हो तो बादाम वाला दूध पी सकते हैं। इसे पीने से दिन भर तरोताजा महसूस करेगे।

  • इस दिन आप सिंघाड़े के आटे से बना हलवा खाकर अपना व्रत खोल सकते हैं।

  • सबसे उत्तम तो ये है कि आप गणेश चतुर्थी का व्रत पूरा होने पर उसे उनके प्रसाद से खोले और फिर बाकी चीजे खाएं।


गणेश चतुर्थी पर क्या नही खाना चाहिए



  • इस दिन प्याज, मूली, चुकंदर आदि का सेवन  नही करना चाहिए।

  • गणेश चतुर्थी के व्रत के दिन व्रत वाला नमक इस्तेमाल करे न कि सादा नमक या काला नमक।

  • ऐसा माना जाता है इस दिन कटहल का प्रयोग बिलकुल नही करना चाहिए क्योकि ऐसा करने से गणेश जी क्रोधित हो जाते हैं।

  • इस दिन पुड़ी, चिप्स, पापड़, मूंगफली और पकोड़े न खाए।

  • इस दिन तुलिस का सेवन भी नही किया जाता है।

  • इस दिन नॉन वेज नही बनाना चाहिए और न ही मदिरा का सेवन करना चाहिए।

  • इस दिन बनाने व्रत के खाने में मसाले का प्रयोग नही किया जाता है। यदि आप मसाले डालकर खाएगे तो आपका व्रत खंडित हो जाएगा।

  • इस दिन किसी का कुछ भी झूठा नही खाना चाहिए।

  • इस दिन नशीली चीजो से दूर रहना चाहिए।


क्या आप भी गणेश चतुर्थी का व्रत रखते हैं?

सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान (एस्ट्रोलोक) से ज्योतिष ऑनलाइन सीखें जहाँ आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीख सकते हैं। इसके अलावा वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना, आयुर्वेदिक ज्योतिष, और बहुत कुछ प्राप्त करें। निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें:- घर खर्च कम करने के वास्तु टिप्स

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Lavina Jhunjhunwala

Lavina Jhunjhunwala

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Vanya Ojha

Vanya Ojha

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Kamal Sharma

Kamal Sharma

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Shubham Agrawal

Shubham Agrawal

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Saloni Raizada

Saloni Raizada

Astrology 3+ Year Exp. Hindi, English
Ritu tuli

Ritu tuli

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Balmukund Sahu

Balmukund Sahu

KVN Swamy

KVN Swamy

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.