INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

बवासीर का आयुर्वेदिक घरेलु उपचार

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 463
बवासीर का आयुर्वेदिक घरेलु उपचार

ववासीर एक ऐसी बीमारी है जिससे एक नही बल्कि कई लोग ग्रसित हैं। ये बीमारी ऐसी है जिससे व्यक्ति अन्दर से खोखला होने लगता है क्योकि इसमें मल के साथ साथ खून भी निकलता है। इस बीमारी में गुदाद्वार में सूजन हो जाती है जिससे व्यक्ति को बहुत दर्द होता है।

क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।


बवासीर होने का कारण


बवासीर ख़राब जीवन शैली और अनियमित खान पान और दिनचर्या के कारण होती है। लोग अपने खाना पान में बहुत लापरवाही करते हैं और घर के खाने की बजाए फ़ास्ट फ़ूड यानि जंक फ़ूड ज्यादा खाते हैं। वो रोज ही भारी और मसालेदार खाना खाते हैं जिससे उनको कब्ज हो जाती है। कब्ज के कारण उनको फ्रेश होने में परेशानी होती है और ये परेशानी एक या दो नही बल्कि कई दिनों तक चलती रहती है। लगातार कब्ज रहने के कारण कब्ज कब ववासीर में बदल जाता है पता ही नही चलता। इस कब्ज के कारण गुदाद्वार में सूजन, मस्सा और भयानक जलन होने लगती है।


बवासीर के प्रकार


बवासीर दो प्रकार का होता है, एक होता है आन्तरिक बवासीर और एक होता है बाहा बवासीर। आन्तरिक बवासीर में व्यक्ति के अन्दर आंतो में सूजन आ जाती है। पहले तो कोई दर्द नही होता है क्योकि आंतो में ऊतक नही होता है लेकिन जब व्यक्ति का मल निकलता है तो इसके साथ बहुत सारा खून भी निकलता है।

बाहा बवासीर भी बवासीर का एक प्रकार है। इसमें गुदाद्वार के बाहर व्यक्ति को मस्सा हो जाता है। धीरे धीरे ये मस्सा कडक हो जाता है और उसमे सूजन आ जाती है। जब व्यक्ति को ये बवासीर हो जाता है कि बहुत कष्टदायक और दर्दनाक होता है। 

ये बीमारी लाइलाज नही है। इसका इलाज है। इस रोग को यदि जड से ख़त्म करना चाहते हैं तो रोगी को अपनी दिनचर्या में बदलाव लाना होगा और उसे कुछ काम नियमित रूप से करने होंगे।


आयुर्वेद अनुसार बवासीर का इलाज


जिसे ये बीमारी है उसे अपने खान पान और योग पर बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा। सुबह शाम सैर करना चाहिए क्योकि इससे उसे मल विसर्जन में परेशानी नही होगी। यदि ऑफिस में काम करते हैं तो हर आधे घंटे में अपने बैठने की पोसिशन बदले। एक ही पोजीशन में बैठे रहने से मस्सो पर दवाब पड़ सकता है।


योग

इस बीमारी के लिए सर्वांगासन, हलासन, पवनमुक्तासन और सूर्य नमस्कार बहुत फायदेमंद है।  अनुलोम, विलोम, प्राणायाम, कपालभाति योग बवासीर की शुरुवाती दौर में फायदेमंद होते हैं अर्थात जब व्यक्ति को जब ये परेशानी शुरू हो रही हो तब उसे योग करना शुरू कर देना चाहिए। इन योग असानो से ब्लड रोटेशन  सही होगा और व्यक्ति को कब्ज और गैस की शिकायत भी नही होगी।


एक्यूप्रेशर


बवासीर की परेशानी को एक्यूप्रेशर से ठीक किया जा सकता है। इसमें तलवों और हथेलियों  के प्रेशर पॉइंट्स को दबाया जाता है। इस प्रेशर से यदि बवासीर धीरे धीरे ठीक होने लगता है।

यह भी पढ़ें:- अवसाद और डिप्रेशन को कंट्रोल करते हैं ये आयुर्वेदिक उपाय


जीवन शैली


योग करो या प्राणायाम या एक्यूप्रेशर सब एक्सपर्ट की निगरानी में ही होनी चाहिए।  रोगी को रेशे युक्त आहार लेना चाहिए। भोजन में फल, चोकर युक्त आटा, छिलके वाली दाल आदि शामिल करना चाहिए। व्यक्ति को मैदा और बारीक़ पिसे आटे की जगह बाजरा, ज्वार, मक्का भोजन में शामिल चाहिए। मोटे अनाज खाने से आंते सही रहती है। तीखे, गरम और मसालेदार तला हुआ भोजन बवासीर के रोगियों के लिए अच्छा नही होता। ऐसा भोजन करना चाहिए जो आसानी से पच जाए। फल की बात करे तो उन्हें संतरा, अमरुद, पपीता, नाशपाती, जामुन खाना चाहिए। रोगी को केला नही खाना चाहिए क्योकि केले से कब्ज होती है। 

रोगी को लौकी, करेला, तोरई, खीर, टमाटर, ककड़ी, हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर खाना चाहिए। मूंग दाल की खिचड़ी, दलिया और सुपाच्य भोजन ही उनके लिए अच्छा है। उनको अरबी, आलू, उड़द, भिन्डी, पराठो और पूरी का सेवन नही करना चाहिए। पापड़ और अचार भी उनके लिए अच्छा नही है।

बवासीर रोगियों को पानी पीना चाहिए लेकिन भूलकर भी ऐसा पानी नही पीना चाहिए जो ज्यादा गरम या ज्यादा ठंडा हो।  सब्जियों का सूप और फ्रूट जूस उनके लिए अच्छा है। नीम्बू पानी और काला नमक मिलाकर पीने से उन्हें लाभ होता है। लस्सी भी इनके लिए लाभदयक है। लस्सी में काला नमक और भुना हुआ जीरा मिलाकर पीना चाहिए, इससे रोगी को आराम आता है।

बवासीर के रोगियों को तम्बाकू, सिगरेट, शराब, गुटका आदि का प्रयोग नही करना चाहिए। कॉफ़ी और चाय भी उनके लिए अच्छी नही है। कोल्ड ड्रिंक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि पीना बवासीर के रोगियों लिए नुकसानदायक हो सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार आप आहार में बदलाव करके और कुछ चीजो का परहेज करके बवासीर को काफी तक ठीक कर सकते हैं।

यदि आप भी बवासीर से परेशान है और आयुर्वेदिक सलाह जाते हैं तो हमसे संपर्क करे।

सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान (एस्ट्रोलोक) से ज्योतिष ऑनलाइन सीखें जहाँ आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीख सकते हैं। इसके अलावा वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना, आयुर्वेदिक ज्योतिष, और बहुत कुछ प्राप्त करें। निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें:- गठिया का आयुर्वेदिक इलाज

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Anil Khandekar

Anil Khandekar

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Kunal

Kunal

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Mr.Alok Khandelwal

Mr.Alok Khandelwal

Founder & World Renowned Astrologer
Ekta Singh

Ekta Singh

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Dr. Sagar Patwardhan

Dr. Sagar Patwardhan

Palmistry Expert
Rajat Wadhwa

Rajat Wadhwa

Astrology Hindi, English Exp: 6 Years
Vijay Sharma

Vijay Sharma

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Thakur Prasad Das

Thakur Prasad Das

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.