INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

नलहाटी शक्तिपीठ दर्शन: ज्योतिष और भक्ति का अनोखा अनुभव

Created by Asttrolok in Astrology 7 Oct 2025
Share
Views: 24
नलहाटी शक्तिपीठ दर्शन: ज्योतिष और भक्ति का अनोखा अनुभव

भारत की भूमि देवी उपासना और दिव्य ऊर्जा से ओतप्रोत है। हर शक्तिपीठ के पीछे एक अद्भुत कथा और गहन आस्था छिपी है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित नलहाटी शक्तिपीठ उन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है, जहाँ देवी सती का कंठ (गला) गिरा था। यह स्थान न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यहाँ की वायु में संगीत और शब्द की दिव्यता भी बसती है।


नलहाटी शक्तिपीठ का इतिहास और पौराणिक महत्व

देवी सती और भगवान शिव की कथा हम सबने सुनी है — जब राजा दक्ष के यज्ञ में सती ने अपना जीवन त्याग दिया, तब भगवान शिव ने उनका जला हुआ शरीर उठाकर तांडव किया। उस समय भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के अंगों को 51 भागों में विभाजित कर दिया, जो पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों पर गिरे। उन्हीं में से एक भाग कंठ (गला) नलहाटी में गिरा।

इस कारण यह स्थान “नलहाटेश्वरी शक्तिपीठ” कहलाया, जहाँ देवी सती नलहाटेश्वरी माता के रूप में विराजमान हैं और भगवान शिव “रामलिंगेश्वर” के रूप में पूजे जाते हैं। कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ में दर्शन करने से वाणी की शुद्धि, संगीत में निपुणता और संवाद कौशल में अद्भुत वृद्धि होती है।


मंदिर की विशेषता और अनुष्ठान

नलहाटी शक्तिपीठ का मुख्य मंदिर लाल पत्थर से बना हुआ है और इसकी बनावट प्राचीन बंगाली स्थापत्य कला को दर्शाती है। मंदिर परिसर में माता की मूर्ति प्राकृतिक पत्थर में उकेरी गई है, जो स्वयं में दिव्य ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।

हर वर्ष नवरात्रि, बसंत पंचमी और काली पूजा के अवसर पर यहाँ लाखों श्रद्धालु आते हैं। भक्तजन “कंठ शुद्धि यज्ञ” और “संगीत साधना पूजा” भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से यहाँ देवी से प्रार्थना करता है, तो उसकी वाणी में मधुरता और आत्मविश्वास दोनों आ जाते हैं।


नलहाटी और ज्योतिष का संबंध

नलहाटी केवल आस्था का नहीं बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शुभ स्थल माना जाता है। यहाँ आने वाले लोग अक्सर अपनी जन्म कुंडली इन हिंदी लेकर आते हैं ताकि मंगल दोष, राहु काल, या काल सर्प दोष जैसी नकारात्मक स्थितियों से राहत पा सकें।

अगर किसी की कुंडली में ग्रहों का दुष्प्रभाव हो या उसकी वाणी कठोर हो गई हो, तो यहाँ पूजा करने से वह दोष कम होते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी नलहाटेश्वरी स्वयं वाणी की अधिष्ठात्री शक्ति हैं, और उनकी कृपा से व्यक्ति की बुद्धि, वक्तृत्व कला और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

यदि आप भी अपनी कुंडली या ग्रह स्थिति को समझना चाहते हैं, तो आप ऑनलाइन ज्योतिष कोर्स के माध्यम से ज्योतिष की गहराई सीख सकते हैं या ज्योतिष परामर्श लेकर अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए मार्गदर्शन पा सकते हैं। वहीं पर्सनलाइज्ड कुंडली सेवा के माध्यम से आप अपनी विशेष जन्म कुंडली हिंदी में प्राप्त कर सकते हैं।


नलहाटी शक्तिपीठ यात्रा गाइड

कैसे पहुँचे:

नलहाटी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है।


  • रेल मार्ग से: नलहाटी जंक्शन स्टेशन इस मंदिर के सबसे निकट है (लगभग 2 किमी दूर)।

  • सड़क मार्ग से: कोलकाता, दुर्गापुर और बोलपुर से नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

  • हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

क्या देखें:

  • नलहाटी शक्तिपीठ का मुख्य मंदिर

  • रामलिंगेश्वर मंदिर

  • प्राकृतिक झरने और हरियाली से घिरा परिवेश

  • पास के “कंठ सरोवर” जहाँ भक्त स्नान करते हैं

यात्रा टिप्स:

  • पूजा के लिए सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है।

  • यात्रा से पहले राहु काल का समय देखकर निकलें।

  • अगर आप संगीत या गायन से जुड़े हैं, तो देवी के सामने अपनी कला अर्पित करना शुभ माना जाता है। 


आधुनिक जीवन में नलहाटी शक्तिपीठ की प्रासंगिकता

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में मन की शांति और वाणी की संयमता खोती जा रही है। नलहाटी शक्तिपीठ का दर्शन केवल धार्मिक अनुभव नहीं बल्कि आंतरिक संतुलन का भी माध्यम है। वास्तु शास्त्र हिंदी में बताया गया है कि जब घर या कार्यालय में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, तो देवी की उपासना से सकारात्मक कंपन लौट आते हैं।

यदि आपकी जन्म कुंडली इन हिंदी में मंगल दोष या काल सर्प दोष है, तो देवी की साधना से ग्रहों की उग्रता शांत होती है और जीवन में संतुलन आता है। इसलिए नलहाटी की यात्रा केवल श्रद्धा नहीं, बल्कि एक ज्योतिषीय और आध्यात्मिक उपचार भी है।


निष्कर्ष – जब वाणी बनती है साधना
नलहाटी शक्तिपीठ वह स्थान है जहाँ शब्द और शक्ति का संगम होता है। देवी नलहाटेश्वरी का आशीर्वाद व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रबल बनाता है। अगर आप कभी पश्चिम बंगाल की धरती पर जाएँ, तो इस पवित्र स्थल पर अवश्य जाएँ — जहाँ देवी सती का कंठ गूंजता है, और हर शब्द में भक्ति की मधुरता झलकती है। 


यह भी पढ़ें: 🌺 वक्रेश्वर शक्तिपीठ का रहस्य: देवी सती का अंग और 93° गर्म झरनों का चमत्कार



Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Shobha Desai

Shobha Desai

Astrology Hindi, English Exp: 2+ Year
Dr. Narendra Umrikar

Dr. Narendra Umrikar

Astrology | Vastu Specialist
Mamta Arora

Mamta Arora

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Madhusudhan Rao

Madhusudhan Rao

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Nikieta Dhanaani

Nikieta Dhanaani

Astrology, Numerology Hindi Exp: 4+ Year
Udayan Dalmia

Udayan Dalmia

Astrology 4+Year Exp. Hindi, English
Moumita

Moumita

Astrology, Numerology Hindi Exp: 4+ Year
Akshara Diwakar Kulkarni

Akshara Diwakar Kulkarni

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.