महाराष्ट्र के नासिक जिले के गोदावरी नदी के किनारे स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में आठवें स्थान पर पूजित है। यह तीर्थ केवल शिवभक्ति का प्रमुख स्थल नहीं, बल्कि ज्योतिष, अध्यात्म और पुण्य कर्मों के केंद्र के रूप में भी विशेष महत्व रखता है।
ऐसा कहा जाता है कि गौतम ऋषि ने यहाँ दीर्घकालीन तपस्या कर गोदावरी नदी का अवतरण कराया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने त्र्यंबक (तीन नेत्र वाले) रूप में यहां निवास ग्रहण किया। यही कारण है कि इस मंदिर के शिवलिंग में ब्रह्मा, विष्णु और शिव — तीनों देवताओं के मुख एक साथ अंकित हैं।
त्र्यंबकेश्वर में पूजा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में नवीन ऊर्जा आती है। स्कंद पुराण और पद्म पुराण में इस स्थल की दिव्यता का विस्तार से वर्णन है।
त्र्यंबकेश्वर धाम वैदिक ज्योतिष साधना, पितृदोष निवारण, ग्रह दोष शांति जैसे कर्मों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ पर विशेष रूप से कुंडली मिलान, कुंडली के दोष और वास्तविक नवग्रह पूजा के आयोजनों में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
✔️ कुंडली के दोष – जन्मपत्री में पाए जाने वाले ग्रह दोष या पितृदोष को दूर करने के लिए त्र्यंबकेश्वर का रुद्राभिषेक और त्रिवार जाप अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
✔️ वैदिक ज्योतिष परामर्श – देशभर के ज्योतिष-विद्वान यहाँ साल भर मौजूद रहते हैं, जो कुंडली मिलान, महादशा, दशा-अंतरदशा और जन्म लग्न का सूक्ष्म विश्लेषण करते हैं।
✔️ चौघड़िया और शुभ मुहूर्त – पांडित्य परंपरा से यहाँ पंचांग और चौघड़िया के अनुसार शुभ कार्यों की विधि निर्धारित होती है।
✔️ वास्तु दोष निवारण – घर या व्यापार स्थल के वास्तु दोष शांति के लिए विशेष रुद्र पूजन, वास्तु मंत्र और नवग्रह जाप किए जाते हैं।
यदि आप अपनी कुंडली मिलान, ग्रह दोष, या वास्तविक नवग्रह स्थिति का समाधान चाहते हैं, तो ज्योतिषी परामर्श अवश्य लें और पर्सनल कुंडली तयार करवाएँ।
✔️ त्र्यंबकेश्वर में नारायण नागबली, कालसर्प दोष पूजा, पितृ श्राद्ध – ये कर्म विशेष रूप से अत्यधिक श्रद्धा और विधि-विधान से किए जाते हैं।
✔️ महाशिवरात्रि, सोमवार और सावन मास – इन दिनों लाखों भक्त प्राचीन मंदिर में दर्शनों के लिए उमड़ते हैं।
✔️ गंगा घाट – तीर्थ यात्रियों के लिए गोदावरी तट का स्नान और पूजा धर्म का अंग है।
✔️ स्थान: नासिक से 28 किमी, गोदावरी नदी तट
✔️ कैसे पहुंचे: नासिक रेलवे स्टेशन/बस, कार टैक्सी से सरल पहुँचना
✔️ ठहराव: मंदिर परिसर के समीप धर्मशाला, होटल एवं गेस्ट हाउस
✔️ ब्रह्मगिरी पर्वत (गोदावरी उद्गम स्थल)
✔️ कुशावर्त तीर्थ (पवित्र स्नान का स्थान)
✔️ गौतमेश्वर मंदिर
✔️ अंजनावले – हनुमान जन्म स्थान
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