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सर्दी का मौसम अपनी समाप्ति की ओर है और गर्मी धीरे धीरे दस्तक देने लगी है। मौसम बदलने के साथ ही तापमान भी बदलता है और तापमान बदलने पर हमें अपनी दिनचर्या के साथ-साथ अपने खानपान में भी व्यापक परिवर्तन करना पड़ता है। आयुर्वेद में आदर्श दिनचर्या किसे कहा गया है , इसके बारे में हम पिछले लेख में विस्तार से जान चुके हैं ।
आज के लेख में हम जानने वाले हैं कि मौसम बदलने पर आयुर्वेद के अनुसार खानपान में क्या क्या परिवर्तन जरूर करने चाहिए ? इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि ग्रीष्म ऋतु के लिए सबसे बेहतर खानपान क्या होता है ?
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ग्रीष्म ऋतु में खानपान कैसा होना चाहिए ?
आयुर्वेद में ग्रीष्म ऋतु के लिए अलग खानपान बताया गया है । कुछ ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित हैं -
- आयुर्वेद में कहा गया है कि ग्रीष्म ऋतु में खाने के साथ कुछ ना कुछ मीठा जरूर खाना चाहिए । इसे मधुर भोजन की संज्ञा दी गई है ।
- दूसरी बात यह ध्यान रखनी चाहिए कि ग्रीष्म ऋतु में हमेशा हल्का भोजन करना चाहिए जिससे पाचन क्रिया में आसानी हो ।
- ग्रीष्म ऋतु में तापमान बहुत अधिक बढ़ने से हमारे शरीर में जल तत्व कम होने लगता है । इसलिए ग्रीष्म ऋतु के भोजन में जल तत्व की मात्रा अधिक होने चाहिए । इसके लिए रसदार सब्जियों का सेवन कर सकते हैं । इसके अलावा खाने के साथ छाछ भी ले सकते हैं ।
- ग्रीष्म ऋतु के भोजन में हम चावल को शामिल कर सकते हैं । हमारे आसपास उगने वाला चावल ,जिसे प्रेशर कुकर की जगह खुले बर्तन में पकाया गया हो, ऐसा चावल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभप्रद सिद्ध होता है । इसके अलावा गर्मी के मौसम में चावल की खीर भी लाभकारी होती है ।
- गर्मी के मौसम में दालों का सेवन भी स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा बताया गया है । दालों में मूँग की दाल को श्रेष्ठ माना गया है । इसके अलावा आप अरहर या मसूर की दाल का सेवन भी कर सकते हैं ।
- सब्जियों में लौकी , कद्दू का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है । इसके साथ खीरा व ककड़ी का सेवन भी कर सकते हैं । हरे पत्ते वाली सब्जियों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए क्योंकि इन सब्जियों से शरीर में पित्त दोष बढ़ता है ।
- ग्रीष्म ऋतु के खाने में देशी घी का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए । घी हमारे शरीर में वात दोष व पित्त दोष को नियंत्रित करता है । इसलिए इसे लाभकारी माना गया है ।
- ग्रीष्म ऋतु में सत्तू का सेवन भी बहुत लाभप्रद माना जाता है । यह हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करके, शरीर में ऊर्जा का संचार करता है ।
- खजूर व आंवले का सेवन भी गर्मी के मौसम में शरीर को राहत प्रदान करने वाला होता है । इसके लिए आप इन दोनों फलों का रस निकाल कर भी पी सकते हैं ।
- गर्मी के खानपान में फलों का भी महत्वपूर्ण स्थान है । फलों में हम आम, अंगूर , केला आदि फलों का सेवन कर सकते हैं ।
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ग्रीष्म ऋतु के खानपान में इन चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए ?
गर्मी के मौसम में बहुत अधिक खट्टी व बहुत अधिक तीखी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए । इसके अलावा बाहर के तले भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए । घर के खाने में भी कम से कम मसालों का प्रयोग करना चाहिए ।
निष्कर्ष -
आयुर्वेद में ग्रीष्म ऋतु के लिए बताए गए खानपान के एक बिन्दु का हमने विस्तार से विश्लेषण किया । इस तरह के खानपान से आप ग्रीष्म ऋतु में अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं ।
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