भूमिका: जीवन में खुशियों और समृद्धि का संकेत
भारतीय ज्योतिष में 27 नक्षत्रों का विशेष स्थान है, और इन सभी में सबसे शुभ नक्षत्रों में से एक है पुष्य नक्षत्र।
इसे “नक्षत्रों का राजा” कहा जाता है, क्योंकि यह जीवन में समृद्धि, स्थिरता और शुभता का प्रतीक है।
जब पुष्य नक्षत्र आता है, तो इसे धन, व्यापार, निवेश और नई शुरुआतों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
ऐसा विश्वास है कि इस समय की गई खरीदारी लंबे समय तक टिकती है और व्यक्ति के जीवन में बरकत लेकर आती है।
‘पुष्य’ शब्द संस्कृत से बना है, जिसका अर्थ है — पोषण करना, बढ़ाना या समृद्ध करना।
इस नक्षत्र के देवता हैं बृहस्पति (गुरु) — ज्ञान, धर्म और बुद्धि के प्रतीक।
वहीं, इसका स्वामी ग्रह है शनि, जो कर्म, अनुशासन और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है।
इन दोनों ऊर्जाओं का संगम पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शक्तिशाली बनाता है।
इस दौरान किए गए कार्य धीरे-धीरे परंतु स्थायी रूप से सफलता की ओर बढ़ते हैं।
इस वर्ष दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र दो दिनों के लिए अत्यंत शुभ संयोग लेकर आया है —
14 अक्टूबर (मंगलवार) – सुबह 11:54 बजे से शुरू
15 अक्टूबर (बुधवार) – दोपहर 12:00 बजे तक प्रभावी
इन दो दिनों में बना यह योग “खरीदारी का स्वर्ण मुहूर्त” कहा जा रहा है।
इस दौरान की गई खरीदारी न केवल लंबे समय तक टिकती है, बल्कि जीवन में धन वृद्धि और स्थायित्व भी लाती है।
पुष्य नक्षत्र में घर-गृहस्थी से लेकर निवेश तक हर खरीदारी को शुभ माना गया है।
आप इस दिन निम्न वस्तुएं खरीद सकते हैं:
सोना और चांदी – धन और लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक
कपड़े और बर्तन – घर में सुख और बरकत का संकेत
वाहन या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं – दीर्घकालिक लाभ का प्रतीक
भूमि और प्रॉपर्टी निवेश – स्थिरता और सफलता का द्योतक
जो लोग नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह समय अत्यंत शुभ है।
इस दिन व्यापार की शुरुआत या नई डील साइन करना जीवन में दीर्घकालिक लाभ दे सकता है।
पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों में “राजा” कहा गया है।
क्योंकि यह नक्षत्र स्थिरता, अमरता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
इस दौरान की गई खरीदारी या शुरू किया गया कोई भी काम लंबे समय तक चलता है।
यह नक्षत्र जीवन में स्थायी विकास, समृद्धि और संतुलन लाने की शक्ति रखता है।
अगर यह नक्षत्र मंगलवार या गुरुवार को आता है, तो यह बन जाता है मंगल पुष्य योग या गुरु पुष्य योग —
जो धन, सफलता और शुभता को कई गुना बढ़ा देता है।
दिवाली से पहले का यह समय पाँच विशेष दिनों के शुभ योग लेकर आता है —
16 अक्टूबर – पुष्य नक्षत्र समाप्ति के बाद खरीदारी और वाहन के लिए शुभ दिन।
17 अक्टूबर – भूमि, प्रॉपर्टी और निवेश के लिए श्रेष्ठ समय।
18 अक्टूबर – व्यापार विस्तार और महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए अनुकूल दिन।
19 अक्टूबर – घर की साज-सज्जा, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं या गिफ्ट खरीदने के लिए उत्तम समय।
20 अक्टूबर – नए व्यवसाय की शुरुआत और प्रॉपर्टी निवेश के लिए लाभकारी दिन।
इन दिनों में की गई किसी भी नई पहल को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
अगर आप प्रॉपर्टी या रियल एस्टेट में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो पुष्य नक्षत्र का समय आपके लिए स्वर्ण अवसर है।
इस अवधि में किया गया निवेश दीर्घकालिक लाभ और स्थायित्व देता है।
मंगल और गुरु पुष्य योग में भूमि या घर खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है।
इस दौरान शुरू किया गया कोई भी काम लम्बे समय तक सफलता देता है।
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यह नक्षत्र सिर्फ भौतिक सफलता का प्रतीक नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भी भरपूर है।
इस समय पूजा-पाठ, दान, मंत्र-जप और ध्यान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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पुष्य नक्षत्र केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि यह जीवन में स्थिरता, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है।
इस समय किए गए कार्य और खरीदारी न केवल भौतिक सफलता लाते हैं, बल्कि जीवन में स्थायी सुख और संतुलन भी देते हैं।
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