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*रूप चतुर्दशी 6 नवम्बर को* रूप चतुर्दशी को नर्क चतुर्दशी, नरक चौदस , रूप चौदस अथवा नरका पूजा के नामों से जाना जाता है। 6 नवम्बर मंगलवार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति तथा स्वस्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है। नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त अभ्यंग स्नान समय सुबह 4:59 से 6:36 बजे तक 1 घंटे 37 मिनट रहेगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक माह की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध करके, देवताओं व ऋषियों को उनके आंतक से मुक्ति दिलवाई थी। इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान का महत्व होता है। इस दिन स्नान करते वक्त शरीर पर उबटन व तेल लगा कर स्नान करते है। चंदन का लेप लगाया जाता है। जिससे शरीर की मैल को उतारा जाता है तथा घर मे पड़े कबाड़ को मध्य रात्रि में बाहर फेंका जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की उपासना की जाती है जिससे शरीर का रूप उज्वला होता है। नरक चौदस के दिन शाम को दक्षिण दिशा में 14 दिए जलाए जाते है। दक्षिण दिशा यमराज की मानी जाती है इसलिए नरक चतुर्दशी पर यमराज के निमित दीपदान किया जाता है और प्रार्थना करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा मोब 9302325222 Read more interesting articles at https://astrolok.in