शुक्र को दैत्यों के गुरु माना गया है, जिन्हें दैत्य गुरु शुक्राचार्य के नाम से जाना जाता है। शुक्र प्रेम का कारक है शुक्र प्रेम में सफलता प्रदान करता है । जातक के कुंडली मे शुक्र अच्छा हो या उच्च का हो तो वह जातक प्रेमी सबसे प्रेम करने वाला,सुंदर, आकर्षक, सज संवर कर रहने वाला, शरीर पर इत्र लगाकर रकजने वाला होता है। अच्छे शुक्र वाला जातक सुंदर वस्त्र धारण करता है, जातक मेहनती व ऊर्जावान होता है। यदि शादीशुदा है तो अपनी पत्नी से अत्यधिक प्रेम करने वाला होता है। उसके पत्नी से संबंध मधुर होते है। जातक किसी विशिष्ट कला में दक्ष होता है, आउट अक्सर भोग विलास में लिप्त एवम् भोग विलास की कला में निपुन होता है, इसे सुख, आनंद और सहवास की प्राप्ति होती है। जातक के शरीर मे ऊर्जा की मात्रा अधिक होती है वह मेहनती होता है। यदि जातक की कुंडली मे शुक्र अच्छा नही है या नीच का है तो जातक का किसी काम मे मन नही लगता, उसे प्रेम में असफलता का मुह देखना पड़ता है, शरीर मे सुस्ती रहती है, किसी कार्य को दिल से नही कर पाता है। सौंदर्य साधन, सुवस्त्र व सुन्धित वस्तुओ से नफरत होती है। उसकी अपनी पत्नी से अच्छे संबंध नही होते। यदि आप मे शुक्र के अच्छे न होने के लक्षण है अर्थात शुक्र अच्छा नही है या नीच का है तो आप ये उपाय करें जिससे आपका शुक्र अच्छा हो जाएगा। 1 :- 2 किलो आलू ले उन्हें उबाल लें , उस पर हल्दी का पाउडर छिड़क दें, इन आलुओ को शुक्रवार के दिन गाय को खिलाएं। ये प्रक्रिया 7 शुक्रवार करनी है। 2:- चावल की खीर बनाये और 2 से 6 साल की कन्याओ को शुक्रवार के दिन खिलाये तथा दक्षणा दे। 3:- दही से स्नान करें। 4:- प्लेटिनम की अंगूठी पहने हो सके तो हीरा उस अंगूठी में लगवा ले। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा, ग्वालियर मोब. 9302325222 If you are interested in writing articles related to astrology then do register at – https://astrolok.in/my-profile/register/ or contact at astrolok.vedic@gmail.com
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