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जब भी मौसम बदलता है तब सबसे ज्यादा कोई परेशानी हमारे आगे आती है वो है सर्दी जुखाम। कई लोग तो कुछ भी ठंडा खा लेते हैं तो उन्हें जुखाम हो जाता है और कई बार नमी वाले वातावरण में कुछ देर रहने से जुखाम लग जाता है। वैसे तो जैसे ही जुखाम शुरू होता है व्यक्ति तुरंत ही एलोपेथिक दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं। ये आराम देता है लेकिन एलोपेथिक दवाइयां कफ को सुखा देती हैं और जब भी कोई हल्का सा इन्फेक्शन व्यक्ति के आस पास होता है वो तुरंत ही फिर से जुखाम की गिरफ्त में आ जाता है। इसी कारण हमे एलोपथिक के साथ साथ कुछ आयुर्वेदिक घरेलु उपाय भी करने चाहिए ताकि हमारे अन्दर से कफ बाहर निकल जाए। आज इस पोस्ट में हम आपको कुछ बेहतरीन आयुर्वेदिक घरेलु उपचार बताने वाले हैं जिसको अपनाकर आप जुखाम से राहत पा सकते हैं।
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जुकाम का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
ये उपाय सालो से हमारे पूर्वज अपनाते आ रहे हैं। इस उपाय के लिए आप एक गिलास गर्म दूध ले और उसमें 2 चम्मच हल्दी मिला ले और मिक्स करे। अब इसे पी जाए। दूध बहुत गर्म है तो चाय जैसे सिप सिप करके पी लें। इस उपाय से नाक से पानी आने वाली परेशानी ठीक हो जाती है।
तुलसी एक पूजनीय पौधा है जिसको भगवान् का अमृत बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अनेको औषधिय गुण हैं। जुखाम होने पर यदि व्यक्ति तुलसी की 5 से 7 पत्तियों को धोकर पानी में उबाल ले और काढ़ा बनाकर पी ले तो व्यक्ति तो तुरंत ही आराम महसूस होगा। यदि नाक बंद है तो तुसली की मंजिरियो को रुमाल में डालकर बंद करके सूंघने पर नाक खुल जाती है। यदि छोटे बच्चो को जुखाम हो गया है तो उन्हें शहद में 6 से 7 बूंदे तुलसी और अदरक के रस की मिलाकर चटा दें। आराम आएगा।
एक गिलास पानी ले और उसे उबाल ले। अब इसमें 3 से4 ग्राम अलसी और मेथी डाले। अच्छे से उबाल ले और ठंडा कर लें। अब नाक में इसकी दो से तीन बुँदे डाले। आराम आएगा।
एक कप पाने में 10 ग्राम आजवाइन और 10 ग्राम हल्दी डाले और पका ले। जब पानी उबल उबल कर आधा रह जाए तो इसमें गुड मिलाएं। अब इसे सिप सिप करके पी लें,आराम आएगा।
यदि व्यक्ति शहद में थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर मिलाकर चाटे तो उसे जुखाम में बहुत राहत मिलेगी और उसकी नाक से पानी बहने की परेशानी भी दूर हो जाएगी। आप काली मिर्च पाउडर में एक चम्मच मिश्री मिलाकर गर्म दूध के साथ लेंगे तो भी जुखाम में आराम आएगा। इस उपाय को आप दिन में दो बार करे।
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आयुर्वेद अनुसार यदि व्यक्ति नाक में सोते समय 2-2 बूंदे डालकर सो जाए तो उसे कभी भी नाक से जुडी कोई भी समस्या नही होती है।
अदरक को जुखाम को ठीक करने के लिए कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इसे दूध में अच्छे उबालकर पी सकते हैं या शहद और अदरक के रस को मिलाकर चाट सकते हैं। दोनों ही तरीको से आराम आएगा। आप अदरक का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में 2 अदरक के टुकड़े, 4 लौंग, 2 काली मिर्च और 5 तुलसी के पत्ते डाले और उबाल ले। जब पानी आधा हो जाए तो इसमें 1 चम्मच शहद मिलाए और सिप सिप करके पी लें।अदरक को देसी घी में भून लें और पीस लें। अब इसे दिन में 3-4 बार खा ले,आराम आएगा।
लहसुन भी जुखाम में फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण जुखाम के संक्रमण को ख़त्म कर देते हैं। लहसुन को आप घी में भूनकर खा ले।
गाय के घी को गरम करे और पिघला लें। अब ठंडा करके इसकी 2 बूँद नाम के डाले। इस उपाय को करने से महीनो पुराने जुखाम से भी छुटकारा मिल जाता है।
एक गिलास पानी में 7 से 8 मुनक्का डाले और उबाल ले। अब जब पानी उबल उबल कर आधा हो जाए इसे आंच से उतार लें और अब इसमें से मुनक्का निकालकर सिप सिप करके पानी पी लें।
जुकाम होने पर इन बातो पर ध्यान दें-
- जब भी गर्म वातावरण से आप ठन्डे वातावरण में आते हैं, तुरंत नहाने न जाएं।
- एसी का इस्तेमाल न करे।
- खाना खाने से पहले हाथ जरुर धो ले।
- जब भी बाहर जाए मास्क लगाकर जाए ताकि धूल मिटटी और प्रदूषण से आपका जुखाम ज्यादा न हो जाए।
- रोज कुछ देर कपालभाति और भस्त्रिका योग करे।
- बादी और ठंडी चीजे न खाए।
- चावल और दही का सेवन कम कर दें।
- आइसक्रीम और कोल्ड्रिक न पिए और न ही उससे बनी कोई चीज खाएं।
- ताजा पका हुआ भोजन खाएं।
- ऑयली और जंक फ़ूड न खाए।
आयुर्वेद अनुसार व्यक्ति को होने वाला हर रोग दोषों में होने वाले असंतुलन के कारण होता है।जब व्यक्ति के ऊपरी श्वसन तंत्र में कफ और वात दोष में असंतुलन हो जाता है तब जुखाम होता है। इसका उपाय समय रहते कर लेना चाहिए। यदि बहुत लम्बे समय तक ठीक नही हुआ है और व्यक्ति की सूंघने की शक्ति कम हो रही हो और सिरदर्द रहता हो तो हो सकता है कि व्यक्ति को साइनुसाइटिस हो गया हो।
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